① ताजमहल ( The Taj Mahal )
• ताज महल के बारे में 5 रोचक तथ्य (5 interesting facts about Taj Mahal?)
1. ताज महल को दुनिया के 7 अजूबों में से एक है
2. सफेद संगमरमर का पत्थर दिल्ली से लाया गया था।
3. ताज महल के मध्य में ही मुमताज की कब्र है।
![ताजमहल किसने बनवाया](https://iamcrazyboy.com/wp-content/uploads/2023/12/mesmerizing-shot-famous-historic-taj-mahal-agra-india.jpg)
4. ताज महल दिन में 3 बार अपना रंग बदलता है।
5. ताज महल का निर्माण 1632 में शुरू हुआ और 1653 में पूरा हुआ।
② ताजमहल किसने बनवाया
बाबर मुगलवंश के संस्थापक थे।उन्होंने 1526 पानीपत के मैदान में दिल्ली के आखिरी सुल्तान इब्राहिम लोधी को परास्त कर भारत में मुगलवंश की नींव रखी।बाबर के पुत्र हुमायुँ और हुमायूँ के पुत्र अकबर ने भारत के विस्तृत क्षेत्र पर मुगलों का वर्चस्व प्रस्तावित किया।इस दौरान मुगलों ने अपने शाही रुतबे और प्रभुत्व को प्रदर्शित करने के लिए भव्य और आकर्षक स्थापत्यों का निर्माण किया ।अकबर के पुत्र जहाँगीर और जहांगीर के पुत्र शाहजहाँ ने इस निर्माण कार्यों को बुलंदी पर पहुंचाया।पांचवें मुगल बादशाह शाहजहाँ शासनकाल को मुगलो के शासन काल का स्वर्ण युग और मुगल सभ्यता का सबसे समृद्ध काल माना जाता है। जहाँ शब्द का अर्थ है इस जहाँ का शाहजहाँ | शाहजहाँ ने अपने जीवनकाल में कई निर्माण कार्य करवाए, लेकिन उनके बनवाए ताजमहल शाहजहाँ और मुमताज़ की मोहब्बत की दास्तां को अमर कर दिया।मुमताज़ और शाहजहाँ का विवाह सन 1612 में हुआ था। शाही रिवाजों के चलते शाहजहाँ के कई शादियां हुई थीं लेकिन शाहजहाँ और मुमताज़ के रिश्ते मैं प्रेम की गहराई कुछ अलग ही थी ।मुमताज़ अपने 14 वें बच्चे को जन्म देते वक्त सन 1631 में मुमताज़ की दुखद मृत्यु हो गयी।
मुमताज़ की मौत ने शाहजहाँ को गम के अंधेरे में धकेल दिया।साल भर में ही शाहजहाँ के बाल सफेद हो गए ।कमर झुक गयी और चेहरे मैं झुर्रियाँ आ गयी।अपनी प्यारी बेगम की याद में शाहजहाँ ने अपनी शाही रुतबे के हिसाब से दुनिया का सबसे नायाब महल बनाने की महत्वाकांक्षा मन में ठान ली ।सन 1632 में आगरा मैं यमुना नदी के दक्षिणी छोर पर ताजमहल का निर्माण कार्य शुरू हुआ।ऐसा कहा जाता है इस जगह पर जयपुर के महाराजा जयसिंह का आलीशान महल था। बादशाह शाहजहाँ ने महाराजा जयसिंह से इस जगह का सौदा कर उसके बदले जयपुर के महाराजा जयसिंह को आगरा शहर के मध्य एक विशाल महल दे दिया।
③ ताज महल का वास्तुकार कौन था
ताज महल के वास्तुकार एवं सुलेखनकर्ता बहुत ही प्रसिद्ध और निपुण थे अब्दुल हमीद लाहौरी एवं अमानत खा ताज महल के प्रमुख वास्तुकार एवं सुलेखनकर्ता की भूमिका निभाई थी इनके साथ 22000 मजदूर की सेना ताज महल के निर्माण कार्य मैं लगी थी और साथ ही 1000 से ज्यादा हाथियों को भी यातायात के लिए बुलवाये गए थे
इसी प्रकार ताज के निर्माण में लगने वाले सामग्री को भी भारत समेत एशिया के विभिन्न देशों से मगवाया गया।इसमें श्वेत संगेमरमर राजस्थान के मकराना से लाया गया।जेस्पर को पंजाब से।क्रिस्टल को चीन से।फ़िरोज़ा को तिब्बत से।लैपिस लज़ुली को अफगानिस्तान से।नीलम को श्रीलंका से।और कार्नेलियन को अरेबिया से मंगवाया गया।कुल मिलाकर 28 प्रकार की बहुमूल्य रत्नों को।ताजमहल के निर्माण हेतु मगवाया गया।ताजमहल के प्रमुख वास्तुकार से उस्ताद अहमद लाहौरी।और मुख्य सुलेखनकर्ता थे ईरान से अमानत खां।कागज पर बनाया गया शाहजहान की ख्वाबो का ताजमहल हकीकत मैं बहुत ही बड़ा होने वाला था, लेकिन नदी के किनारे इतना बड़ा और बेशकीमती महल बनाना शाही अभियंताओं के लिए बड़ी चुनौती भरा काम था।सरकती और रेतीली जमीन पर नींव खड़ी करना कोई आसान काम नहीं था। वास्तु कर्ताओं ने इस पर अनोखा उपाय खोज निकाला। मज़दूरों ने ठोस जमीन मिलने तक गहरे गहरे गड्ढे या गए। कुएं खोदे उसमें पत्थर, कंकड़ और भारी भरकम गारा भर दिया और उसके ऊपर बेहद ही मजबूत न्यू स्थान बनवाया गया। इस न्यू को नदी सतह से लगभग पांच मीटर तक ऊंचा बनवाया गया, जिससे शीलन आदि से बचाव हो सके। सभी निर्माण सामग्री और संगमरमर को यह नियत स्थान पर पहुंचाने के लिए 15 किलोमीटर लंबी मिट्टी के ढलान बनवाई गई नदी से पानी लाने के लिए राहत प्रणाली का उपयोग किया गया। उससे पानी ऊपर बने बड़े टैंकों में भरा जाता और फिर छोटे छोटे टैंकों से होकर नालियों द्वारा क्योंकि स्थानों पर पहुंचाया जाता? असल में ताजमहल एक बहुत बड़ी परियोजना थी।जिसमें मकबरे के साथ साथ मेहमानखाना मस्जिद नौबतखाना, मुख्य प्रवेश द्वार और बाग बगीचे भी शामिल थे।इस पूरी परियोजना को पूरा होते होते 22 सालों का वक्त लगा। सन 1653 में ताजमहल पूर्ण रूप से तैयार हो गया। देखने से ताज महल संगेमरमर की ठोस पत्थरों से बना प्रतीत होता है, लेकिन आसल में ये सादी ईटो से बनवाया गया है। और फिर ऊपर से संगेमरमर और बलुआ पत्थर की परत चढ़ाईगयी है
④ ताज महल के अंदर क्या है?
ताज महल मैं टोटल 22 कमरे है, उनमे से 4 कमरे बड़े है और 18 कमरे छोटे है मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में ही शाहजहां की बेगम मुमताज महल की असली कब्र थी लेकिन यहाँ पर सिर्फ 6 महीने ही उनकी कब्र रही | फिर यहाँ से निकालकर आगरा लाया गया था अब ताज महल एक मध्य मैं मुमताज़ महल की कब्र स्थित है
⑤ शाहजहां की मृत्यु कैसे हुई
शाहजहां को अपनी जिंदगी के आखिरी दिन कैद में गवाने पड़े और वो भी अपनी पुत्र औरंगजेब के उत्तराधिकारी के सत्ता संघर्ष में औरंगजेब ने अपने जेस्ट सौतेले भाई दारा शिकोह को परास्त कर संपूर्ण सत्ता पर अपना एकाधिकार प्रस्तावित किया और शाहजहां को आगरा के लाल किले मैं कैद कर लिया आखिरी दिनों मैं किलो को खिड़कियों से ताज को निहारते हुए अपनी प्रिय बेगम को याद करके आखिरकार सन 1666 मैं शाहजहां की मृत्यु हो गयी उन्ह्र उनकी इच्छा अनुसार उनकी प्रिय पत्नी मुमताज़ की कब्र के पास मैं ही दफनाया गया था असल मैं ताज एक कब्र है जो प्यार की कहानी बया करती है जो तराशी गयी है सफ़ेद संगमरमर पर दुनिया मैं अपने आप मैं एक अनोखी कहानी है यह एक कहानी की तरह समझाने की कोशिश की है तो दोस्तों आप को यह आर्टिकल कैसा लगा वो हमे कमेंट मैं जरूर बताये
धन्यबाद दोस्तों…